
एक्ट्रेस कंगना रनोट और उनकी बहन रंगोली चंदेल को राजद्रोह केस में बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत मिली है। हाईकोर्ट ने 25 जनवरी तक दोनों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। सोमवार को मुंबई पुलिस ने हाईकोर्ट से कहा कि उन्हें कंगना से फिर पूछताछ करनी है। कोर्ट ने कहा कि 25 जनवरी तक पूछताछ करने की कोई जरूरत नहीं है। दोनों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर 17 अक्टूबर को बांद्रा पुलिस स्टेशन में राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था।
जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस मनीष पिटाले की बेंच ने कंगना और बहन की याचिका पर सुनवाई की। याचिका में FIR को खारिज करने की मांग की गई थी।
कोर्ट में क्या हुआ?
पब्लिक प्रॉसिक्यूटर दीपक ठाकरे ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता 8 जनवरी को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक पुलिस के सामने पेश हुई थीं, लेकिन वे पूछताछ खत्म होने से पहले ही चली गईं। हम उन्हें दोबारा बुलाएंगे। आखिर उन्हें सहयोग करने में क्या दिक्कत हो सकती है?
इस पर जस्टिस पिटाले ने कहा कि रनोट पुलिस के सामने 2 घंटे रहीं, क्या यह काफी नहीं था? पुलिस को उनके सहयोग के लिए और कितना वक्त चाहिए। ठाकरे ने कहा कि पुलिस को 3 दिन और चाहिए। जस्टिस शिंदे ने कहा कि मामला 124(A) के तहत दर्ज है, लिहाजा ये गंभीर हो जाता है।
3 दिन पहले कंगना से बांद्रा थाने में दो घंटे तक हुई थी पूछताछ
कंगना 8 जनवरी अपनी बहन रंगोली चंदेल के साथ मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में बयान दर्ज करवाने पहुंचीं थी। इस दौरान पुलिस ने उनसे दो घंटे तक पूछताछ की थी। कंगना को पूछताछ के लिए तीन बार समन किया जा चुका था, लेकिन भाई की शादी की वजह से वह पेश नहीं हुई थीं।
एक्ट्रेस पर हिंदू-मुस्लिम के नाम पर फूट डालने के आरोप लगे हैं। कंगना के खिलाफ इसी तरह के एक मामले में तुमकुर (कर्नाटक) में भी FIR हुई थी। उन पर किसानों का अपमान करने के आरोप लगे थे। इससे
पहले 25 नवंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना और उनकी बहन रंगोली चंदेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों को 8 जनवरी को बांद्रा पुलिस स्टेशन में हाजिर होने का आदेश दिया था।
कंगना पर ये आरोप
याचिकाकर्ता वकील साहिल अशरफ अली सैयद ने बांद्रा कोर्ट में दायर एक अर्जी में कहा था कि कंगना रनोट पिछले कुछ महीनों से लगातार बॉलीवुड को नेपोटिज्म और फेवरेटिज्म का हब बताकर इसका अपमान कर रही हैं। वे सोशल मीडिया और टीवी इंटरव्यू के जरिए हिंदू और मुस्लिम कलाकारों के बीच फूट डाल रही हैं। साहिल ने अपने सबूत में सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट का हवाला दिया है।
इन धाराओं में दर्ज हुआ है केस
बांद्रा के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जयदेव घुले ने कंगना के खिलाफ CRPC की धारा 156 (3) के तहत FIR दर्ज कर जांच के आदेश दिए थे। इस पर एक्शन लेते हुए पुलिस ने कंगना और उनकी बहन के खिलाफ इन धाराओं में केस दर्ज किया है।
- धारा 153 A: IPC की धारा 153 (ए) उन लोगों पर लगाई जाती है, जो धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं। इसके तहत 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
- धारा 295 A: इसके अंतर्गत ऐसे अपराध आते हैं, जहां आरोपी व्यक्ति, भारत के नागरिकों के किसी समुदाय विशेष की भावनाओं को आहत करने मकसद से उनके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करता है या ऐसा करने का प्रयत्न करता है।
- धारा 124 A: यदि कोई भी व्यक्ति भारत की सरकार के विरोध में सार्वजनिक रूप से ऐसी किसी गतिविधि को अंजाम देता है। इससे देश के सामने सुरक्षा का संकट पैदा हो सकता है तो उसे उम्रकैद तक की सजा दी जा सकती है। इन गतिविधियों का समर्थन करने या प्रचार-प्रसार करने पर भी किसी को देशद्रोह का आरोपी मान लिया जाएगा।
- धारा 34: IPC की धारा 34 के अनुसार, जब आपराधिक कृत्य सभी व्यक्तियों ने सामान्य इरादे से किया हो, तो हर व्यक्ति उसी तरह जिम्मेदार होता है जैसे कि अपराध उसके अकेले के द्वारा ही किया गया हो।
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